कानपुर नगर निगम की है वो शान, जिसका चलता है फरमान

: संवाददाता कानपुर। कानपुर नगर निगम के भीतरखाने से आ रही खबरों के मुताबिक इस वक्त इस शख्स का सिक्का कानपुर नगर निगम में जोरों से चल रहा है। इनका रुतबा तो ऐसा है कि इनके फरमान के आगे कानपुर की मेयर, नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत जोनल अधिकारियों की भी एक नहीं चलती। तभी तो हम भी कहने को मजबूर हो गए हैं कि कानपुर नगर निगम की है वो शान, जिसका चलता है फरमान..... आगे बढ़ने से पहले ऐसे कुछ सवाल आपके मन में भी उठ रहे होंगे कि क्या मच्छरों के आतंक से आपका भी जीना भी दूभर हो गया है? क्या आपका भी कोई करीबी या जान परिचित का डेंगू और श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रस्त है? अगर मौजूदा हालातों के पीछे के कारणों पर गौर करें तो आप खुद समझ जाएंगे कि इन बीमारियों और इन परेशानियों का मुख्य कारण गंदगी है। यक़ीनन आपके अपने क्षेत्र के आसपास भी जगह-जगह कड़े के ढेर लगे होंगे जिससे आ रही दुर्गंध से आप भी अब तक त्रस्त हो चुके होंगे। और तो और जैसे-जैसे कूड़ा बढ़ने लगता है या तो इसे कहीं और ठिकाने लगाने का जुगाड़ लगाया जाता है या फिर इसे आग के हवाले करके वायु प्रदुषण और श्वास संबंधी बीमारियों को न्योता दिया जाता है। अब इन सब में उस आम आदमी का क्या कसूर जिसने ईमानदारीपूर्वक शहर को स्वच्छ रखने की इस मुहिम में सबसे आगे हाथ बढ़ाते हुए अपनी जेब पर बोझ लदने के बावजूद भी स्वच्छता टैक्स दिया। ऐसे ही एक-एक आम आदमी के टैक्स के पैसे से कानपुर नगर निगम ने कूड़े का निस्तारण करने और शहर को स्वच्छ रखने के लिए महंगी से महंगी गाड़ियां खरीदी और करीब 5 हजार सफाई कर्मचारियों को तनख्वाह पर रखा। लेकिन अब यही एक-एक आम इंसान जब हर सुबह अपने घरों से निकलता है तो उसकी गली की बजबजाती नालियां, मोहल्ले के कोनों में लगे कूड़े के ढेर, डेंगू के मरीजों से पट चुके लगभग सभी अस्पतालों को देखकर वो खुद को ठगा हुआ महसूस ना करें तो क्या करें...... क्योंकि हर उस शख्स ने शहर को स्वच्छ रखने की मुहिम में आपका सहयोग दिया था लेकिन आपने क्या किया.... आपकी आधी से ज्यादा कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां सड़क पर उतरती ही नहीं और जो उतरती भी हैं तो वह केवल और केवल उस क्षेत्र से कूड़ा उठाकर उसी क्षेत्र में किसी स्थान पर अवैध रूप से कूड़ा इकट्ठा करना शुरू देती हैं और जैसे-जैसे यह कूड़ा बढ़ता जाता है तो इसे आग के हवाले कर दिया जाता है। यकीन मानिए ये सब सिर्फ और सिर्फ किया जाता है डीजल चोरी के लिए.... यह कोई मामूली डीजल चोरी नहीं है। यह हर रोज एक-एक आम इंसान की जेब से गए लाखों रुपए के डीजल की चोरी है और इस डीजल चोरी में कानपुर नगर निगम के गलियारों में चर्चा में है बस एक ही नाम..... नगर निगम की है वो शान.... जिसका चलता है फरमान...... उसका नाम है रहमान..... ।